Description
अबोर्टिगो – 200 मिली
गाय-भैंस की गर्भपात को रोकने हेतु होम्योपैथिक पशु औषधि
अबोर्टिगो – 200 मिली मादा पशुओं में गर्भ धारण के दौरान होने वाले गर्भपात के रोकथाम व उपचार हेतु अत्यंत कारगर व् सुविधाजनक होम्योपैथिक पशु औषधि है | अबोर्टिगो- 200 मिली न केवल गाय-भैंस के गर्भपात के रोकथाम व् उपचार में सहायक है बल्कि मादा पशु तथा बछड़े (लवारे) की भी जीवन रक्षा करता है |
ये विशेष होम्योपैथिक पशु औषधि उत्पाद जानी मानी होम्योपैथिक वेटरनरी कंपनी गोयल वैट फार्मा प्रा० लि० द्वारा पशु पालकों के लिए बनाये गए है | यह कंपनी आई० एस० ओ० सर्टिफाइड हैं, तथा इसके उत्पाद डब्लु० एच० ओ० –जि० ऍम० पी० सर्टिफाइड फैक्ट्री मैं बनाये जाते हैं | सभी फॉर्मूले पशु चिकित्सकों द्वारा जांचे व परखे गए हैं तथा पिछले 40 वर्ष से अधिक समय से पशु पालकों द्वारा उपयोग किये जा रहे है |
Trusted by the Nation's top Vetenarians
Abortigo is the best homeopathic medicine for the prevention of abortion and threatened abortion among pregnant cattle
– Dr. Sakshi (MVSC, Pet Consultant To Gvppl)
जल्दी व प्रभावी नतीजों के लिए कोशिश करने की होम्योपैथिक दवा पशु की जीभ से लग के ही जाये | होम्योपैथिक पशु औषधियों को अधिक मात्रा में न देवें, बार बार व कम समयांतराल पर दवा देने से अधिक प्रभावी नतीजें प्राप्त होते हैं | पिने के पानी में अथवा दवा के चूरे को साफ हाथों से पशु की जीभ पर भी रगड़ा जा सकता है |
तरीका 1 : गुड़ अथवा तसले में पीने के पानी में दवा या टेबलेट या बोलस को मिला कर पशु को स्वयं पिने दें |
तरीका 2 : रोटी या ब्रेड पर दवा या टेबलेट या बोलस को पीस कर डाल दें तथा पशु को हाथ से खिला दें |
तरीका 3 : थोड़े से पीने के पानी में दवा को घोल लें तथे एक 5 मि0ली0 की सीरिंज (बिना सुईं की ) से दवा को भर कर पशु के मुँह में अथवा नथुनों पर स्प्रै कर दें | ध्यान दें की पशु दवा को जीभ से चाट ले |
नोट : कृपया दवा को बोतल अथवा नाल से न दें
अबोर्टिगो – 200 मिली
गाय-भैंस की गर्भपात को रोकने हेतु होम्योपैथिक पशु औषधि
अबोर्टिगो – 200 मिली मादा पशुओं में गर्भ धारण के दौरान होने वाले गर्भपात के रोकथाम व उपचार हेतु अत्यंत कारगर व् सुविधाजनक होम्योपैथिक पशु औषधि है | अबोर्टिगो- 200 मिली न केवल गाय-भैंस के गर्भपात के रोकथाम व् उपचार में सहायक है बल्कि मादा पशु तथा बछड़े (लवारे) की भी जीवन रक्षा करता है |
एबॉर्शन (गर्भपात ) की परिस्थितियां तब उत्पन्न होती है यदि गर्भ धारण किये हुए मादा पशु के 45 से 265 दिनों के बीच किसी कारणवश गर्भ के अंदर ही बच्चे की मृत्यु हो जाये, कुछ 20-30 प्रतिशत केस छोड़ भी दें तो अधिकतर केस में गर्भपात के कारण भी पता नहीं चलते हैं ऐसी स्थिति में पशुपालक को जल्द से जल्द गर्भपात को रोकने का उपाय करना होता है |
उपयोगिता :
- अबोर्टिगो का उपयोग किसी भी परिस्तिथि में जब एबॉर्शन (गर्भपात) की संभावना हो तो किया जा सकता है | इसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है |
- अबोर्टिगो सही हॉर्मोन का स्त्राव करवा कर तथा पशु के पेट की उपपाचन क्रिया को बढ़ा कर मिनरल्स व् कैल्शियम से गर्भाशय की मसल्स को भी मजबूत तथा टोन अप करता है |
- अबोर्टिगो का उपयोग आदतन होने वाले एबॉर्शन (गर्भपात) की परिस्तिथि में एबॉर्शन के रोकथाम के लिया भी दिया जा सकता है, यह पशु की इम्मुनिटी बढ़ा कर गर्भ धारण के समय होने वाली सभी बिमारियों से सुरक्षित रखता है तथा बच्चे व् मादा पशु दोनों की रक्षा करता है |
5-10 मिली
तुरंत गर्भपात की स्तिथि में : 5 मिली रोटी या गुड़ के साथ हर आधे घंटे बाद एबॉर्शन कण्ट्रोल होने तक |
आदतन गर्भपात की स्तिथि में : 5 मिली रोटी या गुड़ के साथ एक दिन में तीन बार एक माह तक |
अथवा पशु चिकित्सक की सलाह से उपयोग करें |
HOMEOPATHIC DRUGS USED IN THE FORMULATION
Quality, efficacy, and safety are the utmost priorities of ABORTIGO formulation. Cost-effective health care with no contraindications or side effects are the added benefits of using a homeopathic remedy. Facts about the homeopathic medicines used in this formulation:
ALETRIS FARINOSA 30CH
The habitual tendency to abort, muscle pains during pregnancy, heavy and prolapsed uterus with pain in the right inguinal region, premature and profuse discharges with labor-like pains before the completion of pregnancy term, leucorrhoea due to weakness and anemia can be recovered with this medicine.
VIBURNUM OPULUS 30CH
This is indicated in repeated and early abortions, sterility, pains radiating from back to loins and womb which worse in the early mornings, delayed estrus cycles, offensive discharges, cramps extending to thighs, bearing-down, heavy and congested ovaries, aching in the sacral and pelvic region with pain in anterior muscles of thighs, spasmodic and membranous dysmenorrhea, leucorrhoea, excoriating, smarting and itching of genitals.
SABINA 30CH
This drug helps out with threatened miscarriages, leucorrhoea after every estrus cycle, corrosive, offensive, bloody discharges between estrus cycles with sexual excitement, retained placenta, intense pain in the uterus which extends to thighs, menorrhagia, inflammation of the ovaries and uterus after abortion, promotes expulsion of moles from the uterus, etc. Pain radiating from the sacrum to pubis, and shooting upwards to the vagina, hemorrhage, atony of the uterus are all other symptoms that can be improved with this drug.
SEPIA 200CH
Relaxed pelvis, bearing-down sensation, leucorrhoea which is yellow or green with intense itching, irregular estrus cycles, sharp clutching pains in the genitals, intense stitching pains upward in the vagina radiating from the uterus to umbilicus, prolapse of uterus and vagina, morning sickness, painful vagina especially during coitus.
Note: All the above mentioned symptomatic description of the homeopathic drugs is taken from approved literature of homeopathy with an underlying base from Homeopathic Pharmacopeia of India.
Presentation: 100 ml, 200 ml & 500 ml
Dosage: 20 ml 2 times a day or as directed by the doctor.
Contraindications: no known contraindications
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