Description
फर्टीसूल 21 दिन का कोर्स
मादा पशु के बार बार पाली आने के उपचार हेतु होम्योपैथिक पशु औषधी
फर्टीसूल – मादा पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि में प्राकृतिक रूप से पाली लाने हेतु अत्यधिक उपयोगी होम्योपैथिक पशु औषधि है | मादा पशुओं के एस्ट्रस साइकिल के अनुसार फर्टीसूल को भी 21 दिन का कोर्स बनाया गया है, ताकि एस्ट्रस साइकिल को नियमित किया जा सके तथा पशु की प्रजनन क्षमता बढ़ाई जा सके|
ये विशेष होम्योपैथिक पशु औषधि उत्पाद जानी मानी होम्योपैथिक वेटरनरी कंपनी गोयल वैट फार्मा प्रा० लि० द्वारा पशु पालकों के लिए बनाये गए है | यह कंपनी आई० एस० ओ० सर्टिफाइड हैं, तथा इसके उत्पाद डब्लु० एच० ओ० -जि० ऍम० पी० सर्टिफाइड फैक्ट्री मैं बनाये जाते हैं | सभी फॉर्मूले पशु चिकित्सकों द्वारा जांचे व परखे गए हैं तथा पिछले 40 वर्ष से अधिक समय से पशु पालकों द्वारा उपयोग किये जा रहे है|
Trusted by the Nation's top Vetenarians
“K9 Vitality’s Pre+Probiotic & Gut Health for dogs are an excellent tool to help balance your dog’s gut for both healthy digestion and skin.”
– Dr. Sanghvi (MVSC, Pet Consultant To K9 Vitality)
जल्दी व प्रभावी नतीजों के लिए कोशिश करने की होम्योपैथिक दवा पशु की जीभ से लग के ही जाये | होम्योपैथिक पशु औषधियों को अधिक मात्रा में न देवें, बार बार व कम समयांतराल पर दवा देने से अधिक प्रभावी नतीजें प्राप्त होते हैं | पीने के पानी में अथवा दवा के चूरे को साफ हाथों से पशु की जीभ पर भी रगड़ा जा सकता है |
तरीका 1 : गुड़ अथवा तसले में पीने के पानी में दवा या टेबलेट या बोलस को मिला कर पशु को स्वयं पिने दें |
तरीका 2 : रोटी या ब्रेड पर दवा या टेबलेट या बोलस को पीस कर डाल दें तथा पशु को हाथ से खिला दें |
तरीका 3 : थोड़े से पीने के पानी में दवा को घोल लें तथा एक ५ मिली की सिरिंज (बिना सुईं की ) से दवा को भर कर पशु के मुँह में अथवा नथुनों पर स्प्रै कर दें | ध्यान दें की पशु दवा को जीभ से चाट ले |
नोट : कृपया दवा को बोतल अथवा नाल से न दें
उपयोगिता :
- प्राकृतिक रूप से पाली पर लाने हेतु |
- प्रजनन अंगों के समुचित विकास हेतु |
- बार बार पाली आने पर भी गर्भ धारण न करने पर |
- गर्भ धारण की प्रतिशतता बढ़ाने हेतु |
उपयोग की विधि :
फर्टीसूल कोर्स को प्रारम्भ करने के लिए प्रतिदिन 5 टैबलेट दी जानी है| इसी क्रम में यह 21 दिन का कोर्स दिया जाना है सुविधा के लिए स्ट्रिप के ऊपर 1 से 21 तक नंबर पड़े हुए है इसी अनुसार प्रतिदिन दिया जाना है|
विशेष :
यदि फर्टीसूल कोर्स को भूलवश किसी गाभिन पशु को दे दिया जाये तब भी उसे गर्भ गिरने की संभावना नहीं होती क्योंकि यह नॉन हार्मोनल फार्मूलेशन है, जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है| यदि यह कोर्स देने के बीच में ही कोई पशु पाली में आ जाये तब भी यह कोर्स देते रहना लाभकारी रहेगा, अतः पशु को पाली आने पर गाभिन करा कर भी कोर्स को जारी रखें, क्योंकि इसको देते रहने से जनन अंगों की क्रिया को गति मिलती है|
कोर्स :
फर्टीसूल कोर्स को रोग की तीव्रता के अनुसार या पशु चिकित्सक की सलाह से सुविधानुसार दोबारा दिया जा सकता है | इस कोर्स का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है |
ब्लिस्टर 1
फर्टीसूल कोर्स को ब्लिस्टर १ से प्रारम्भ करें | पहले दिन १ नंबर लाइन से 5 टेबलेट निकालें व पशु को गुड़ के साथ दें | अगले दिन से प्रतिदिन 5 टेबलेट प्रत्येक लाइन से निकाले व पशु को दें | कृपया ध्यान रखें पशु को दवा रोज दिन में एक ही समय देनी हे कोशिश करें की दवा को शाम के समय दें |
ब्लिस्टर 2
कृपया ब्लिस्टर 2 से भी प्रतिदिन नंबर के अनुसार ही दवा लगातार देते रहे | यदि किसी कारण वश किसी दिन दवा न दे पाएं तो अगले दिन से दवा जहां से छोड़ीहै वहीं से पुनः देना प्रारम्भ कर दें | कृपया दो दिन की दवा एकसाथ न दें |
5 टेबलेट (एक लाइन से ) प्रति दिन एक ही समय पर अथवा पशु चिकित्सक की सलाह से |
फर्टीसूल कोर्स : 105 टेबलेट
ब्लिस्टर “1” : 9 गुणा 5 टेबलेट
ब्लिस्टर “2” : 12 गुणा 5 टेबलेट
फर्टीसूल 21 दिन का कोर्स
मादा पशु के बार बार पाली आने के उपचार हेतु होम्योपैथिक पशु औषधी
Alteris Ferinosa
Indicated in the cases of a uterus predisposed to haemorrhages, whether after an abortion, parturition, forceful expulsion of the placenta, forceful traction during parturition, or for any other reason.
Aurum Met
It is well indicated in all sorts of disturbances observed in reproductive organs and is also useful in relieving bone or joint pains due to stress or excessive exercise.
Apis Mellifica
It is well indicated in any inflammatory, itchy, stinging, reddening, or painful conditions of ovaries.
Borax
The condition of leucorrhoea with clear, copious, or albuminous discharge can be treated with borax. It is well indicated in cases of sterility, distension in the clitoris with sticky discharge, and other related affections.
Calcarea Phosphorica
It is best indicated in cases of young animals that are deficient in calcium with poorly developed bones, fractured unhealed bones, weak muscle contraction, and other symptoms.
Colocynthis
It is indicated in cases of any nervous symptoms or nerve deformities related to reproductive conditions.
Folliculinum
It is an extract from the ovarian follicles, known by the name folliculin, the hormone secreted by the ovaries called estrogen. Indicated in hormonal therapy.
Murex Purpurea
Palpable cysts in the ovary are treated with this remedy.
Ophorinum
It is an ovarian extract that is indicated in the case of ovarian cysts.
Platinum
It is an essential remedy for all the common ailments of the female reproductive organs and nervous systems like irregular estrous cycles, vulval itching, severe pain in the ovaries, and related symptoms.
Note: All the above mentioned symptomatic description of the homeopathic drugs is taken from approved literature of homeopathy with an underlying base from Homeopathic Pharmacopeia of India.
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